logo

कर्ज के नाम पर गरीबों का शोषण आजकल कोई न कोई कंपनी लोन देने के नाम पर शोषण कर रही है। कोई 18% ब्याज ले रहा है तो कोई

कर्ज के नाम पर गरीबों का शोषण

आजकल कोई न कोई कंपनी लोन देने के नाम पर शोषण कर रही है। कोई 18% ब्याज ले रहा है तो कोई 40% ब्याज ले रहा है। क्या उन्हें रोकने का कोई उपाय नहीं है? यह कंपनी सभी साहूकारों से ज्यादा शोषण कर रही है। क्या सरकार को इनकी मनमानी का पता नहीं है या यह जानकर चुप है? क्योंकि ये सभी कंपनियां बड़े लोगों की हैं। क्या हमें सरकार चुननी चाहिए क्योंकि ये लोग जो चाहें कर सकते हैं? आए दिन अपनी मनमानी करते रहते हैं और उनकी मनमानी की वजह से कोई न कोई मासूम आत्महत्या कर लेता है। कब तक इनकी गुंडागर्दी चलती रहेगी, सरकार मुट्ठी भर लोगों का कर्ज माफ करती है लेकिन एक बड़े तबके को मरने के लिए छोड़ देती है। क्या हम इस दिन के लिए सरकार चुनते हैं? कभी-कभी कर्ज वसूली के नाम पर हमारे कर्मचारियों के बीच जल्‍दबाजी करनी पड़ती है। तो कब तक एक आम आदमी को पुलिस के नाम पर उनका अत्याचार सहना पड़ेगा? आजकल तो उनका रिकवरी एजेंट भी पुलिस है। कभी-कभी लगता है कि हमारी चुनी हुई सरकार हमारी ओर ध्यान देती है और कब तक एक भारतीय नागरिक इन अमीरों पर अत्याचार सहता रहेगा। क्या यह सरकार या आरबीआई की मिलीभगत से हो रहा है? क्या हमारी चुनी हुई सरकार इतनी कमजोर है कि वह हमारी बात ही नहीं सुनती। क्या ये कंपनियां हमें गुलाम बना रही हैं या हम उस दलदल में फंस रहे हैं जिससे निकलना संभव नहीं|

11
3760 views